Wednesday, May 17, 2017

Jiva and Maya

एक इंसान घने जंगल में भागा जा रहा था।
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शाम हो गई थी।
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अंधेरे में कुआं दिखाई नहीं दिया और वह उसमें गिर गया।
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गिरते-गिरते कुएं पर झुके पेड़ की एक डाल उसके हाथ में आ गई। जब उसने नीचे झांका, तो देखा कि कुएं में चार अजगर मुंह खोले उसे देख रहे हैं |
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जिस डाल को वह पकड़े हुए था, उसे दो चूहे कुतर रहे थे।
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इतने में एक हाथी आया और पेड़ को जोर-जोर से हिलाने लगा।
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वह घबरा गया और सोचने लगा, "हे भगवान अब क्या होगा ?"


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उसी पेड़ पर मधुमक्खियों का छत्ता लगा था।
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हाथी के पेड़ को हिलाने से मधुमक्खियां उडऩे लगीं और शहद की बूंदें टपकने लगीं।
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एक बूंद उसके होठों पर आ गिरी। उसने प्यास से सूख रही जीभ को होठों पर फेरा, तो शहद की उस बूंद में गजब की मिठास थी।
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कुछ पल बाद फिर शहद की एक और बूंद उसके मुंह में टपकी।
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अब वह इतना मगन हो गया कि अपनी मुश्किलों को भूल गया।
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तभी उस जंगल से भगवान अपने वाहन से गुजरे।
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भगवान ने उसके पास जाकर कहा - मैं तुम्हें बचाना चाहता हूं। मेरा हाथ पकड़ लो।
उस इंसान ने कहा कि एक बूंद शहद और चाट लूं, फिर चलता हूं।
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एक बूंद, फिर एक बूंद और हर एक बूंद के बाद अगली बूंद का इंतजार।
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आखिर थक-हारकर भगवान् चले गए।
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मित्रों..
वह जिस जंगल में जा रहा था,
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वह जंगल है 👉दुनिया,
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अंधेरा है 👉अज्ञान
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पेड़ की डाली है 👉आयु
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दिन-रात👉दो चूहे उसे कुतर रहे हैं।
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घमंड👉मदमस्त हाथी पेड़ को उखाडऩे में लगा है।
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शहद की बूंदें👉सांसारिक सुख हैं, जिनके कारण मनुष्य खतरे को भी अनदेखा कर देता है.....। यह सुख क्षणभंगुर है ।
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अर्थात्
सुख की माया में खोए मन को भगवान भी नहीं बचा सकते......।



Copied from facebook page Katha Manjari

Tuesday, May 16, 2017

Meera bai and King of Bhoj


We all know that Meerabai considered Krishna as her husband and yet her family convinced her to marry Bhoj Raj, who was a prince at that time.

Bhojraj was very much impressed by her bhakti. He respected that she considered Krishna as her husband, and he promised that he will never touch her.

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He would sit hours for her when she did her bhajan, and tried to learn bhakti from her.

He protected her when his family criticized her.
 

Later when he became King, he went to war once and got badly injured.
 

One night, Meerabai was absorbed in her bhakti, and could see Krishna in front of her. She ran to catch Him, but she slipped and almost fell down the stairs.
 

Bhojraj caught her just in time and saved her.
 

But he was sad, he said he broke his promise of never touching her.
 

He lost his will to live and was soon on his deathbed because of the wounds received in the war.  
 
He was at peace with himself, but he told Meerabai that my only regret is that I never saw Radha and Krishna.
 

Meerabai prayed to her Giridhar Gopal……………..and soon there was a blue light which lit up the room……….and Radha and Krishna appeared and gave Their Divya Darshan to Bhojraj…………he left his body peacefully and happily and Radha and Krishna brought him to Goloka Dham with Them!
 


Meera Bai Ki Jai!!!
Giridhar Gopal Ki Jai!!!
Radha Krishna Ki Jai!!!


ref: Facebook page : Krishna Bhakti Ras